सूचिबद्धता प्रक्रिया

बीएसई एसएमई पर लिस्टिंग से संबंधित 5 प्रमुख प्रक्रियायें

योजना

निर्गमकर्ता कंपनी परामर्श के लिए परामर्शदाता के रूप में मर्चेंट बैंकर/बैंकरों की नियुक्ति करती है।

तैयारी

मर्चेंट बैंकर नीचे दी गई प्रक्रियायें पूरी करने के बाद दाखिले के लिए दस्तावेजों को तैयार करता है:
  • कंपनी के संदर्भ में ड्यूडिलीजेंज (दस्तावेजीय जांच – पड़ताल), जिसके तहत कंपनी से संबंधित सभी वैधानिक दस्तावेजों की जांच की जाती है, जिसमें सभी वित्तीय दस्तावेजों, महत्वपूर्ण संविदाओं (मटेरियल कॉन्ट्रैक्ट), सरकारी मंजूरियो तथा प्रमोटरों के विवरण से संबंधित दस्तावेजों का समावेश होता है।
  • आईपीओ के ढ़ाचे, शेयरों के निर्गम तथा वित्तीय जरूरतों की योजना।

प्रक्रिया

आवेदन प्रक्रियाः
  • डीआरएचपी/डॉफ्ट प्रॉस्पेक्टस का दाखिला - इन दस्तावेजों को मर्चेंट बैंकर द्वारा तैयार किया जाता है तथा इनको नियामक नियमों के तहत एक्सचेंज तथा सेबी में जमा किया जाता है।
  • जांच तथा साइट विजिट – बीएसई दस्तावेजों की जांच तथा प्रोसेसिंग करती है। एक्सचेंज के अधिकारियों द्वारा कंपनी के साइट पर विजिट किया जाता है तथा कंपनी के प्रवर्तकों (प्रमोटरों) को लिस्टिंग एडवाइजरी कमेटी से समक्ष साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
  • मंजूरी- बीएसई समिति की सिफारिश पर सैद्धांतिक मंजूरी जारी करती है, जो निर्गमकर्ता कंपनी द्वारा सभी शर्तों के अनुपालन के अधीन है।
  • आरएचपी/प्रॉस्पेक्टस की फाइलिंग – मर्चेंट बैंकर इन दस्तावेजों को आरओसी में जमा करता है, जिसमें निर्गम (इश्यू) के खुलने तथा बंद होनी की तिथियों का उल्लेख होता है। आरओसी से मंजूरी मिल जाने के बाद वे एक्सचेंज को जरूरी दस्तावेजों के साथ निर्गम की खुलने की तिथि के बारे में सूचित करते हैं।

पब्लिक ऑफरिंग (सार्वजनिक प्रस्ताव)

इनीशियल पब्लिक ऑफर अपनी निर्धारित तिथियों के अनुसार खुलता तथा बंद होता है। आईपीओ के बंद होने के बाद कंपनी, आबंटन के आधार को अंतिम रूप देने के लिए, चेकलिस्ट पर आधारित दस्तावेजों को सब्मिट करती है।

लिस्टिंग के बाद

बीएसई आबंटन के आधार को अंतिम रूप देती है तथा लिस्टिंग तथा ट्रेडिंग के संदर्भ में नोटिस जारी करती है।