बाजार सूचना

एसएमई प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग,क्लियरिंग तथा सेटलमेंट से संबंधित मुख्य विशेषतायें :

  • अवधि :इस सेग्मेंट में बीएसई ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर सामान्य कारोबारी सत्र के दौरान ट्रेडिंग की जा सकती है।
  • टिक साइज :बीएसई एसएमई सेग्मेंट में किए जाने वाले सौदों की टिक साइज कम्पलसरी रोलिंग सेटलमेंट सेग्मेंट में लागू टिक साइज के समरूप होती है।
  • टी +2 आधार :एसएमई सेग्मेंट में ट्रेडिंग, क्लियरिंग तथा सेटलमेंट टी +2 आधार पर किया जाता है।
  • ट्रेडिंग लॉट साइज :निम्नतम आवेदन तथा ट्रेडिंग लॉट साइज का निर्धारण सेबी द्वारा 21 फरवरी 2012 को जारी परिपत्र में दिए गये नियमों के आधार पर किया जायेगा। निम्नतम सीमा (डेप्थ) 1 लॉट की होगी।
  • कारोबारी भागीदार :सभी बाजार भागीदारों को बीएसई एसएमई स्क्रिपों में कारोबार की अनुमति है।
  • सौदों की मंजूरी देने/निरस्त करने की सुविधा (टेक अप/गिव अप) :बीएसई एसएमई स्क्रिपों में मेंबर ब्रोकरों द्वारा कस्टोडिल क्लियरिंग मेंबरों को सौदों को मंजूरी देने/निरस्त करने के निर्देश की सुविधा उपलब्ध है।
  • ट्रेड्स (सौदे) :बीएसई एसएमई स्क्रिपों में किए गये सौदों को अनिवार्य रूप से डी-मैट मोड में सेटल करना होता है।
  • क्लोज आउट/ऑक्शन :बीएसई एसएमई समूह की स्क्रिपों से संबंधित शॉर्टेज के ऑक्शन/क्लोज आउट की प्रक्रिया कम्पलसरी रोलिंग सेटलमेंट सेग्मेंट में ट्रेड की जाने वाली स्क्रिपों के संदर्भ में लागू प्रक्रिया के अनुरूप होती है।
  • शॉर्टेज :‘एम ’ समूह की स्क्रिपों से संबंधित शॉर्टेज के लिए ऑक्शन आयोजित किया जायेगा तथा ‘एम टी’ समूह की स्क्रिपों को सीधे तौर पर क्लोज आउट कर दिया जायेगा।
  • सेटलमेंट :‘एम ’ समूह के तहत सूचिबद्ध बीएसई एसएमई स्क्रिपों की ट्रेडिंग, क्लियरिंग तथा सेटलमेंट नेट बेसिस पर तथा ‘एम टी’ समूह के तहत सूचिबद्ध बीएसई एसएमई स्क्रिपों की ट्रेडिंग, क्लियरिंग तथा सेटलमेंट ग्रॉस बेसिस पर की जायेगी।